सोमवार, 29 जुलाई 2013



नमस्कार दोस्तों, मै एक बार फिर से एक नया ब्लॉग लेकर आया हूँ,

जो ब्लॉग मध्यप्रदेश के राज्य गान के बारे में  जानकारी  देता है…………….

                                                                                     -- पियूष s/o हरिओम भावसार,भावगढ़                

                             मध्यप्रदेश गान

सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।

विंध्याचल सा भाल नर्मदा का जल जिसके पास है,
यहां ज्ञान विज्ञान कला का लिखा गया इतिहास है।
 
उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न, सम्पदा जहां अशेष है,
स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित मेरा मध्यप्रदेश है।

सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।

चंबल की कल-कल से गुंजित कथा तान, बलिदान की,
खजुराहो में कथा कला की, चित्रकूट में राम की।
 
भीमबैठका आदिकला का पत्थर पर अभिषेक है,
अमृत कुंड अमरकंटक में, ऐसा मध्यप्रदेश है।

क्षिप्रा में अमृत घट छलका मिला कृष्ण को ज्ञान यहां,
महाकाल को तिलक लगाने मिला हमें वरदान यहां। 
 
कविता, न्याय, वीरता, गायन, सब कुछ यहां विषेश है,
ह्रदय देश का है यह, मैं इसका, मेरा मध्यप्रदेश है।

सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है,
माँ की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।


  • गीत के रचनाकार- महेश श्रीवास्‍तव, वरिष्‍ठ पत्रकार
  • गायक- शान-शांतनु मुखर्जी, बॉलीबुड का युवा गायक 
  • संगीत रचना - सुनील झा
  • मध्‍यप्रदेश की स्‍थापना के पांच दशक से अधिक का सफर तय कर चुके राज्‍य में पहली बार मध्‍यप्रदेश गायन तैयार करने की पहल वर्ष 2008 और 2009 से शुरू हुई। गीत तैयार कराने के लिए प्रदेश के जाने-माने गीतकारो से अलग-अलग गीत लिखाये गये और अंतत: मध्‍यप्रदेश के वरिष्‍ठ पत्रकार महेश श्रीवास्‍तव के गीत पर सहमति बनी। अब यही गीत राज्‍य में हर सरकारी कार्यक्रम में गाया जाता है। इस गीत का व्‍यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। यह गीत मध्‍यप्रदेश में वर्ष 2010 से गाया जा रहा है। मध्‍यप्रदेश की स्‍थापना के बाद पहली बार भाजपा सरकार में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर मध्‍यप्रदेश का गायन तैयार किया गया। मध्‍यप्रदेश संस्‍क़ति विभाग इस गीत को प्रयाण गीत के नाम से प्रचारित कर रही है। मध्‍यप्रदेश से प्रेम, लगाव, जुडाव का एहसास गीत कराता है।                       

मंगलवार, 23 जुलाई 2013

Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam

नामऐ पी जे अब्दुल कलाम
जन्म 15 अक्तूबर 1931 रामेस्वरम,तमिलनाडु, भारत 
नागरिकता भारतीय 
क्षेत्र विज्ञानं अवं प्रौद्योगिकी
उपलब्धि “मिसाइल  मन  ऑफ़  इंडिया ” के नाम से जाने जाते हैं , भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति , भारत  रत्ना से नवाजित .
एक बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर बड़े से बड़े सपनो को साकार करने का एक जीता-जागता प्रमाण हैं अब्दुल कलाम आजाद
अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक  मानना  है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु................
-अब्दुल कलाम
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशा................
अब्दुल कलाम  
क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है.................
अब्दुल कलाम 
कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये...............
-अब्दुल कलाम 
भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में  असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं. इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है.............
-अब्दुल कलाम 
महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं................ 
-अब्दुल कलाम 
       

शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

हमारी सोच….!

                                                                                                        Piyush Bhawsar s/o Hariom Ji Bhawsar

हमारी सोच….!

दोस्तों नमस्कार आपका दोस्त एक बार फिर हाज़िर है आपके लिए एक नया ब्लॉग लेकर |

मुझे ये नहीं पता कि आपको मेरा पहला ब्लॉग कैसा लगा | पर फिर भी मै अपना दूसरा ब्लॉग लिख रहा हूँ |

दोस्तों हम लोग सभी हनुमान की तरह हैं | हम सब करने को तो बहुत कुछ कर सकते है | पर इतने आलसी कि कुछ कर नहीं पाते है | हम सभी को ये पता है कि हम आलसी है | लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि इस गलती के लिए कुछ नहीं करते | दोस्तों आलसीपन छुड़ाने के लिए सबसे सरल तरीका है | आप अपने mind  को कंट्रोल में रखो | दोस्तों ये सच है हम जो सोचते है वैसे बन जाते है | अगर सोचते है कि सर्दी लग रही है तो लगने लगती है | मै आपको एक सबसे बढ़िया उदाहरण देता हूँ | जब आप को चोट लगती है तो आप रोने लगते है | क्या रोने से दर्द कम हो जाता है | नहीं ऐसा बिलकुल नहीं होता है| उस टाइम सिर्फ हमारा ध्यान उस दर्द से हट जाता है | इसी तरह हम अपने को कण्ट्रोल कर सकते है | दोस्तों हम अम्बानी जी या बिलगेट्स  या फिर किसी भी अन्य सक्सेसफुल व्यक्ति की सफलता की कहानी तो पढ़  लेते है | उस टाइम हमरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज आने लगती है | हम उन्हें महान मान लेते है | वो तो हम लोगो से भी डाउन स्थिति से थे | पर आज वो कहा है और हम जहा थे वही है | हम उनको महान मान कर अपने अन्दर कमी देखने लगते है | हम सिर्फ excuse  देने लगते है | रियल में हम अपनी गलती को नहीं मानते है | दोस्तों जो लोग आज सफल हुए वो कोई भगवान नहीं थे बस वो पागल थे | वो अपने लक्ष्य को पाने के लिए पागल थे | लोग उन पर हस्ते थे | दोस्तों जो लोग इस हसी से डर जाते है | वो नाकाम हो जाते है | और जो लोग इसे सहन कर जाते है वो सफल व्यक्ति बन जाते है |



आपने कभी सोचा कि हम भी कभी उस लिस्ट में शामिल हो सकते है ? रियल ये है कि हम नहीं सोचते है | अगर सोचते है तो उसे नामुमकिन मान लेते है | दोस्तों आप ये बात जानते है कि  कोई भी चीज इस दुनिया में नामुमकिन नहीं है | फिर हम अपने सपने को मुमकिन न करके नामुमकिन क्यों बना देते है ? हम सभी की सबसे बड़ी समस्या रुपयों की होती है | यार अगर सभी के पास पैसे होते तो सभी सफल बन जाते | फिर जो लोग आज उच्च श्रेणी में गिने जाते है वो नहीं गिने जाते | हम सोचते है  उसने क्या किया ? कुछ नहीं … | फिर तो हम सही है उससे | पर हम ये नहीं सोचते हमसे भी बहुत से लोग आगे है | तो हमने क्या किया ? कुछ नहीं ….| 
आपको सिर्फ अपनी सोच को बदलना होगा | सोच सिर्फ दो प्रकार की होती है | नकारात्मक और सकारात्मक  अब आपके ऊपर निर्भर है कि आप क्या सोचते है | आप जिस तरह सोचंगे उसी तरह बन जायेंगे ये मेरा आपसे वादा है |
 दोस्तों मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा भरोशा है कि आप लोंगो को ये जरुर पसंद आएगा अगर आपको अच्छा लगता है | तो हमें आपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें................
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बुधवार, 10 जुलाई 2013


                         भावसार समाज

Bhavasar ( गुजराती : ભાવસાર, हिंदी : भावसार), पारंपरिक रूप से जुड़े भारत में एक जातीय समूह हैं, वस्त्रों पर woodblock छपाई और सिलाई. कुछ भी मध्य प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं, जबकि वे ज्यादातर गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के क्षेत्रों में स्थित हैं. महाराष्ट्र में समुदाय आगे बंटवारा किया गया है, जबकि गुजराती और राजस्थानी Bhavsars, बस Bhavsars के रूप में खुद को देखें और वे विभिन्न रूप में खुद को देखें, 'भावसर Kshathriya', 'भावसर Shimpi', 'नामदेव Shimpi'. वे महाराष्ट्रियन Bhavsars से बंटवारा हालांकि नामदेव Shimpis वे संत के अनुयायी हैं, के रूप में, एक अलग समूह माना जाता नामदेव - लेकिन वे महाराष्ट्रियन Bhavsars रूप में एक ही उपनाम का उपयोग करें. 'भावसर' या Bhāvasār भी इस जातीय समूह के लोगों में से कुछ के उपनाम हो सकता है.




पौराणिक मूल 

महाकाव्य कहानियों, पौराणिक परशुराम के अनुसार अवतार का विष्णु के खिलाफ प्रतिशोध की कसम खाई थी क्षत्रिय (योद्धाओं के समुदाय) और साफ था पृथ्वी से दूर क्षत्रियों का सबसे. इस परिदृश्य से दो युवा प्रधानों Bhavsingh और Sarsingh चिंतित था सौराष्ट्र अपने अंत बैठक उनके वंश सोच जो था. प्रधानों हिंदू देवी के लिए अपील करने के लिए निर्देशित किया गया था Hinglaj के तट पर स्थित पवित्र मंदिर में Hingol नदी में बलूचिस्तान के पास सिंध हिंदू देवी उन्हें अकेला छोड़ने के लिए मजबूर परशुराम से उनके वंश की सुरक्षा का आश्वासन दिया है, जहां पाकिस्तान, में अब, वह भी उसके लिए एक पुत्र था के रूप में उनके समुदाय से कोई भी परशुराम का सामना होता है कि शर्त पर. भावसर समुदाय इन दो प्रधानों के नाम पर रखा गया था, Bhavsingh और Sarsingh

धर्म 

परंपरागत रूप से, Bhavsars बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक लोग थे. वे सभी Bhavsars उनके मूल देवता के रूप में जो दावा Hinglaj माता या Hingulambika पूजा करते हैं. इस देवता Hingulamata के लिए समर्पित सबसे पुराना मंदिर में है बलूचिस्तान वर्तमान दिन के प्रांत पाकिस्तान . यह Hinglaj मंदिर उस क्षेत्र के अन्य हिंदुओं को तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान है और वहाँ रहता है कि एक छोटे से हिंदू समुदाय द्वारा बनाए रखा है कि ध्यान दिया जाना चाहिए. Bhavsars कि क्षेत्र में रहते हैं और एक ही देवी की पूजा की जाती है कि समुदायों में से एक हो सकता है. सामान्यतः Bhavsars द्वारा पूजा जाता है कि भारत के किसी अन्य हिस्से में कोई अन्य पुराने मंदिर या देवता है. इसलिए यह भावसर समुदाय अविभाजित भारत के उत्तर पश्चिमी भाग (वर्तमान पाकिस्तान) में अपनी मूल था कि अनुमान लगाया है.

भाषाएँ 

राजस्थान में Bhavasar समुदाय बागड़ी, एक राजस्थानी भाषा बोलती है. [7] इसके अलावा दक्षिण, Bhavsars की एक बहुत बड़ी संख्या में अपनी मातृभाषा के रूप गुजराती या मराठी या तो है. स्थानीय भाषा के साथ बहुभाषी जा रहा है, जबकि गुजरात या महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों के लिए प्रवासियों को सदा ही उनके पैतृक मातृभाषा बोलने के लिए जारी है. स्थानीय भाषा / एस के साथ बहुभाषी जा रहा है, जबकि उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी भारतीय राज्यों के प्रवासियों में क्रमश: तेलुगू, कन्नड़ और तमिल बोलते हैं.
गुजराती और मध्य प्रदेश Malwi, प्रकृति में (लेकिन धीरे धीरे खोलने) अंतर्विवाही हैं - 

कुलीन (संदर्भ, भारत के मानव विज्ञान सर्वेक्षण को प्रस्तुत,टाइम्स ऑफ इंडिया,एशियाई शैक्षिक सेवा,राष्ट्रीय Balrang भोपाल)

  • पूज्य श्री मोटा (4 सितम्बर 1898 - 23 जुलाई 1976), या चुन्नीलाल Asharam भावसार, गुजरात, भारत में नाडियाड और सूरत में आश्रम की स्थापना की, जो एक आध्यात्मिक नेता थे. उन्होंने यह भी नाडियाड के पास मौन मंदिर के रूप में जाना हरिओम आश्रम की स्थापना की.
  • दिशा Vakani टेली धारावाहिक "में, दया बेन की भूमिका निभाता है, जो (जन्म 1978), टेलीविजन अभिनेत्री, Taarak मेहता का Ooltah Chashmah ". [8]
  • Natvar भावसार (जन्म 1934), प्रसिद्ध भारतीय मूल के अमेरिकी चित्रकार. [9]
  • राज भावसर , (1980 -): अमेरिकी ओलिंपिक जिमनास्ट 2008 कांस्य पदक विजेता.
    Piyush bhawsar in Balrang, bhopal
  • शशिकला Jawalkar, बॉलीवुड अभिनेत्री
  • मोहन रामरतन भावसर : अखिल भारतीय Kabbaddi एसोसिएशन सचिव पेश
  • Tikam चाँद भावसर "बा" : मालवा क्षेत्र से प्रसिद्ध कवि (उज्जैन)
  • हिमांशु Bhawsar "चुलबुल" : मालवा क्षेत्र (इंदौर मध्य प्रदेश) से प्रसिद्ध युवा कवि
  • पीयूष Bhawsar : Balrang में राज्यपाल से सम्मानित प्रतिभा (भोपाल) [10]  


 


                          :- Piyush Bhawsar, Bhavgarh


बुधवार, 3 जुलाई 2013

Piyush Bhawsar


                                   Governor awarded talent(piyush bhawsar) in BALRANG 2009................


                 State level kavya path(BALRANG)................