Piyush Bhawsar s/o Hariom Ji Bhawsar
हमारी सोच….!
दोस्तों नमस्कार आपका दोस्त एक बार फिर हाज़िर है आपके लिए एक नया ब्लॉग लेकर |
मुझे ये नहीं पता कि आपको मेरा पहला ब्लॉग कैसा लगा | पर फिर भी मै अपना दूसरा ब्लॉग लिख रहा हूँ |
दोस्तों हम लोग सभी हनुमान की तरह हैं | हम सब करने को तो बहुत कुछ कर सकते है | पर इतने आलसी कि कुछ कर नहीं पाते है | हम सभी को ये पता है कि हम आलसी है | लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि इस गलती के लिए कुछ नहीं करते | दोस्तों आलसीपन छुड़ाने के लिए सबसे सरल तरीका है | आप अपने mind को कंट्रोल में रखो | दोस्तों ये सच है हम जो सोचते है वैसे बन जाते है | अगर सोचते है कि सर्दी लग रही है तो लगने लगती है | मै आपको एक सबसे बढ़िया उदाहरण देता हूँ | जब आप को चोट लगती है तो आप रोने लगते है | क्या रोने से दर्द कम हो जाता है | नहीं ऐसा बिलकुल नहीं होता है| उस टाइम सिर्फ हमारा ध्यान उस दर्द से हट जाता है | इसी तरह हम अपने को कण्ट्रोल कर सकते है | दोस्तों हम अम्बानी जी या बिलगेट्स या फिर किसी भी अन्य सक्सेसफुल व्यक्ति की सफलता की कहानी तो पढ़ लेते है | उस टाइम हमरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज आने लगती है | हम उन्हें महान मान लेते है | वो तो हम लोगो से भी डाउन स्थिति से थे | पर आज वो कहा है और हम जहा थे वही है | हम उनको महान मान कर अपने अन्दर कमी देखने लगते है | हम सिर्फ excuse देने लगते है | रियल में हम अपनी गलती को नहीं मानते है | दोस्तों जो लोग आज सफल हुए वो कोई भगवान नहीं थे बस वो पागल थे | वो अपने लक्ष्य को पाने के लिए पागल थे | लोग उन पर हस्ते थे | दोस्तों जो लोग इस हसी से डर जाते है | वो नाकाम हो जाते है | और जो लोग इसे सहन कर जाते है वो सफल व्यक्ति बन जाते है |
आपने कभी सोचा कि हम भी कभी उस लिस्ट में शामिल हो सकते है ? रियल ये है कि हम नहीं सोचते है | अगर सोचते है तो उसे नामुमकिन मान लेते है | दोस्तों आप ये बात जानते है कि कोई भी चीज इस दुनिया में नामुमकिन नहीं है | फिर हम अपने सपने को मुमकिन न करके नामुमकिन क्यों बना देते है ? हम सभी की सबसे बड़ी समस्या रुपयों की होती है | यार अगर सभी के पास पैसे होते तो सभी सफल बन जाते | फिर जो लोग आज उच्च श्रेणी में गिने जाते है वो नहीं गिने जाते | हम सोचते है उसने क्या किया ? कुछ नहीं … | फिर तो हम सही है उससे | पर हम ये नहीं सोचते हमसे भी बहुत से लोग आगे है | तो हमने क्या किया ? कुछ नहीं ….|
आपको सिर्फ अपनी सोच को बदलना होगा | सोच सिर्फ दो प्रकार की होती है | नकारात्मक और सकारात्मक अब आपके ऊपर निर्भर है कि आप क्या सोचते है | आप जिस तरह सोचंगे उसी तरह बन जायेंगे ये मेरा आपसे वादा है |
दोस्तों मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा भरोशा है कि आप लोंगो को ये जरुर पसंद आएगा अगर आपको अच्छा लगता है | तो हमें आपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें................
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दोस्तों मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा भरोशा है कि आप लोंगो को ये जरुर पसंद आएगा अगर आपको अच्छा लगता है | तो हमें आपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें................
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